आवंटित दुकानें को फोरलेन सड़क निर्माण के ध्वस्त किए जाने के 12 साल के बाद भी दुकानें नहीं मिली स्थानिय प्रशासन कि मनमानी से पीड़ित मुख्यमंत्री के सामने आत्मदाह के लिए पहुंचे


निरंजन शर्मा (एडिटर)





कानवन शंकर राठौर की रिपोर्ट
पीड़ित से लिज राशि, टोल कम्पनी ने जमा हुआ मुआवजा, दुकान हेतु डिपाजिट  राशि के जमा होते हुए भी आवेदकों दुकानें नहीं मिली पिडित परिजनों ने 20- 25 वर्ष पूर्व मध्यम परिवार ने व्यापार क्षेत्र में रोजगार का सपना देख कर अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी बचत राशि गहने कपड़े बेच कर एवं उसके बाद भी बाजार से कर्ज लेकर व्यापार का सपना साकार करने के लिए कदम बढ़ाया लेकिन स्थानीय पंचायत प्रशासन विभाग नगर परिषद को नगर पालिका के षड्यंत्र का शिकार होकर प्रदेश के मुखिया व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने आत्मदाह मजबूर होना पड़ रहा है कहानी बदनावर की ही नहीं है समुचे मध्यप्रदेश में मध्यम वर्गीय परिवार का आर्थिक शोषण करने में कैसी-कैसी यात्ना के साथ पूंजी पतियों राजनेता प्रशाशन स्तर पर पीड़ित कर रोजगार से वंचित किया जा रहा है वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है दाने-दाने को मोहताज है.
       निजी दुकान के मालिक होने के बाद भी ठेले पर एवं किराए की दुकान पर अपना रोजी रोटी कि व्यवस्था कर विषम आर्थिक परिस्थितियों में जिंदगी जीने को मजबूर होकर षड्यंत्र के शिकार होने से अपनी जिंदगी की सारी उम्मीदें सारे सपने टूटने से स्थानीय स्तर पर दी जा रही यातनाओं से दुखी होकर आत्मदाह तक करने पर विवश करने वाली दास्तान जनसंपर्क विभाग के माध्यम से नागरिक मंत्रालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय व  मानव अधिकार आयोग के पीड़ित परिवार जन की पीड़ा अवगत कराए जाते हुए बताया जा रहा है 20 -25 वर्ष पूर्व बदनावर चौपाटी बसों के आवागमन पर यात्रियों को भोजन स्वल्पाहार कराने हेतु ब्राह्मण परिवार की महिला (१) श्रीमती सरस्वती बाई पति ईश्वर लाल शर्मा एवं फल फ्रूट की व्यवस्था के लिए (२) अब्दुल जलील पिता अब्दुल हमीद एवं (३) दिलीप पिता कैलाश नाई के द्वारा नगर परिषद बदनावर द्वारा निर्मित दुकानों को सर्वोच्च कीमत की बोली लगाकर आवंटित लीज प्रक्रिया मैं अमानती राशि जमा कर दुकान में प्राप्त की थी जोकि सन2009 में लेबड नया गांव फोरलेन सड़क के निर्माण दौरान नगर परिषद की दुकानें तोड़ दिया गया उसके बाद से तीनों दुकानदार का परिवार भयंकर विषम परिस्थिति में जीवन यापन करने को मजबूर हो गए तीनों परिवार द्वारा दी गई अमानत राशि एवं फोर लाइन की गाइड लाइन का मुआवजा भी नगर परिषद के पास जमा है उसके बाद भी 11_ 12 वर्षों के दौरान नगर परिषद की कार्यकारिणी के द्वारा मध्यम वर्गीय परिवार के लिए निर्णय लेने असमर्थ रहते हुए छलावा करते रहे उसके बाद भी प्रशासन का मन नहीं भरा तो तीनों मध्यम वर्गीय परिवारों से दो- दो लाख रुपए और ले लिए गए और पीड़ित परिवारों को दुकान देने की जगह उक्त दुकानों को नगर परिषद में व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाते हुए नीलाम कर दिया गया.
       अपने साथ हुए थाने प्रशासनिक ठगी एवं अत्याचार से दुखी होकर अपनी दास्तान  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नगरिय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव धार जिले के जिलाधीश महोदय अनुभाग क्षेत्र बदनावर के अनुविभागीय अधिकारी महोदय को आवेदन के माध्यम से अवगत कराया की मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर तहसील में बड़ी चौपाटी पर आज से लगभग 20 25 वर्ष पूर्व नगर  परिषद द्वारा निर्मित दुकानों में हमारे द्वारा सर्वोच्च बोली पर तीन दुकानें हमें प्राप्त हुई थी जो सन् 2009 के आसपास फोर लाइन निर्माण में तोड़ दी गई नीलामी द्वारा जो राशि नगर परिषद ने हम से ली थी और फोर लाइन की गाइड लाइन का मुआवजा भी नगर परिषद के पास ही जमा है इसके बाद भी 7 दिसंबर 2019 को नगर परिषद के अध्यक्ष एवं सीएमओ तथा समस्त पार्षद गण कर्मचारी गण की सर्व अनुमति से संकल्प क्रमांक 312 के माध्यम से ठहराव प्रस्ताव कर हमें बताया गया कि आपकी जो पैसे जमा है इसके अतिरिक्त लागत मूल्य में ₹200000 और जमा कर दो नागेश्वर रोड पर नवनिर्मित बस स्टैंड पर नवनिर्मित दुकानों में से आपको दुकान आवंटित कर रहे हैं इस बात पर भी हमने सहमति जताते हुए हमारे रिश्तेदारों से जान पहचान वालों से ब्याज  कर्ज लेकर ₹200000 जमा करवा दिए गए जिसके बदले में हमें रसीद मिली जिस पर स्पष्ट लिखा था वार्ड क्रमांक 7 स्थित नवनिर्मित दुकान आवंटन राशि जमा ज्ञात हो 22 मार्च से जनता कर्फ्यू के पश्चात लॉकडाउन हो गया था जिसकी वजह से कई दिनों तक हमें अन्न भी नसीब नहीं हुआ बदनावर में संचालित भोजन सेवा संस्थाओं के माध्यम से भोजन सहायता प्रदान की गई जिससे परिवार को भोजन मिला जिनसे ₹200000 हमने कर्ज लिया था उनके द्वारा भी अपना दिया हुआ कर्ज का पैसा वापस मांगा जा रहा है रोजी रोजगार पूर्ण तरह से ठप हो गए हैं. इन विषम परिस्थितियों में भी तबादला होकर आए नए सीएमओ द्वारा हमें दुकान देने से मना कर दिया गया और उक्त दुकानों को दिनांक 24 सितंबर 2020 को नीलाम कर दिया गया हमने 23 तारीख से नगर परिषद के सामने धरना भी दे रखा है 25 तारीख को भूख हड़ताल भी की है किंतु प्रशासन आंखें मूंदकर अत्याचार कर रहा है हमें आवंटित दुकान किसी और को नीलाम कर रहा है यदि हमें न्याय नहीं मिला तो 26 सितंबर 2020 को कोटेश्वर में आ रहे हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान के समक्ष आत्मदाह करके अपनी जीवन लीला समाप्त करने पर विवश होना पड़ेगा वर्तमान में कोरोना का प्रकोप के कारण बहुत ज्यादा आर्थिक विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं आपसे हाथ जोड़कर करबद्ध निवेदन है कि नगर परिषद बदनावर द्वारा की जा रही वादाखिलाफी एवं अन्याय से हमें न्याय दिलाने की कृपा करें

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