चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता मार्ग दर्शिका का प्रकाशन कर आम मतदाताओं को मतदान केंद्र पर आनेवाली परेशानी के साथ परिचय कराते हुए मतदान करने की प्रशासनिक भूमिका को सचित्र प्रकाशित किया।


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज (संपादक)
कानवन शंकर राठौड़ की रिपोर्ट 
बदनावर विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार कि अवधि आज शाम 4 बजे तक समाप्त होगी बदनावर विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा - कांग्रेस व बसपा के उम्मीदवारों ने जनसंपर्क अभियान के माध्यम से अपने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील ,पार्थना निवेदन के साथ साथ अपने अपने दल के वचन पत्र भेंट बदनावर विधानसभा के विकास में जनता के विश्वास को जितने का प्रयास किया गया है। चुनाव आयोग के द्वारा बदनावर विधानसभा के 2 लाख से अधिक मतदाओ को पुनः मतदान करने के लिए अधिकार नियत दिनांक 3 नवम्बर को  बदनावर विधानसभा के  बुथो के माध्यम से कराने का पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतदान के लिए मात्र 72 घंटे शेष है परन्तु मतदाताओ को मतदान कराने में प्रशासन को  व्यवस्था बनाए रखने के लिए भागादौड़ी प्रारंभ कर दी गई है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस- भाजपा दोनों ही दल आश्वत है । मतों के लिए जोड़  तोड़ और मान मनुहार के लिए दोनों दलों के नेताओं द्वारा अंतिम चरण के अपने पक्ष में प्रयास किए जाएंगे ।आजादी के बाद बदनावर विधानसभा क्षैत्र में पहली बार उपचुनाव कि स्थिती निर्मीत हुई इस उपचुनाव में मतदाता क्या कांग्रेस को चुनेंगी या भाजपा क्यो कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार राज्यवर्धन सिंह दतीगांव  को  बदनावर विधानसभा क्षैत्र के विकास के लिए 40 हजार से अधिक मतों विजय बनाकर कर विधानसभा में भेजा गया था। परन्तु 16 माह के बाद मप्र के राजनैतिक घटनाक्रम ने बदनावर विधानसभा को नेतृत्व हिन होने के कारण  बदनावर विधानसभा सहित 28 विधानसभा के उपचुनाव कि नियत दिनांक 3 नवम्बर चुनाव आयोग के द्वारा घोषित किया।इस उपचुनाव में कांग्रेस के द्वारा कमल सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया गया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पुर्व विधायक राजवर्धन सिंह दतीगांव को बनाया गया। उपचुनाव कि विडम्बना कुछ भी हो पर बदनावर विधानसभा का यह उपचुनाव रोचक मुकाबला के साथ सम्पन्न हो कर जीत का सेहरा कौन बांधेंगा यह फैसला आगामी 3 नवंबर को मतदान कि इएम मशीन में उम्मीदवार के भाग्य का फैसला कैद करेगा परिणाम 10 नवंबर को उजागर होंगे। चुनावी अभियान के अंत में दोनों दलों के समर्थक मतदाताओ के मन टटोलने हूए अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं । परन्तु लोकतंत्र में मतदाता कोराना महामारी के चलते आर्थीक परेशानीयां के साथ साथ रोजगार, और बिमारियों से लड़ रहे हैं। जनता रोजगार,स्वास्थ,शिक्षा,सड़क,के साथ भष्ट्राचार से मुक्ति चाहती है । देश के राजनैतिक दल सत्ता प्राप्ति के लिए मतदाताओ के मतो का दान।रोते गाते मतदाताओ के द्वारा आगामी 3 नवंबर को मतदान करने के बाद भी करता हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के माध्यम से जनता को रोजगार ,स्वास्थ ,शिक्षा ,सड़क और भष्ट्राचार से मुक्ति दिलाने में मतदान कि भूमिका मददगार साबित होंगी।

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