आय से अधिक संपत्ति मामले में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज पूर्व में प्रकाशित समाचार पत्र का खण्डन


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज (संपादक
)

जबलपुर
पी.एच.ई. के रिटायर्ड एसडीओ की  पत्नी की अग्रिम जमानत अर्जी विशेष न्यायालय(लोकायुक्त) ने खारिज कर दी है। ई.ओ.डब्ल्यू. के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार सिंह की अदालत ने पूरे मामलें का अवलोकन करने के बाद आरोपियों को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि पी.एच.ई. के रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय व उनकी पत्नी अनुराधा उपाध्याय और पुत्र सचिन उपाध्याय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की गई थी। जांच में यह मामला 22,83,10,731़ के लगभग संपत्ति से संबंधित पाया जाना बताया गया है। जांच के उपरांत ई.ओ.डब्ल्यू. की ओर से सुरेश उपाध्याय एवं उनकी पत्नी अनुराधा व बेटे सचिन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2) व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। जिस पर आरोपी अनुराधा उपाध्याय  की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई थी जिसे विशेष न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया।*खंडनः* - पूर्व के समाचार पत्रो में दिनांक 23/10/2020 को प्रकशित समाचार का खंडन किया जाकर वर्तमान स्थिति से यह अवगत कराया जाता है कि दिनांक 22/10/2020 को विशेष न्यायालय (लोकायुक्त) जबलपुर द्वारा आरोपी  अनुराधा उपाध्याय द्वारा न्यायालय में धारा 438 द.प्र.स. की अर्जी पेश की गई थी। जिसे न्यायालय द्वारा अवलोकन करने के उपरांत अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया गया था। न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत का लाभ न दिये जाने के संबंध में न्यायालय की आदेश पत्रिका में उसका पूर्ण विवरण अंकित कराया गया था। जिसमें आरोपी को  अग्रिम जमानत खारिज होने की दशा में जबाव तर्क हेतु दिनांक 09/11/2020 उपस्थिति  के लिए आदेश किया गया है।अतः पूर्व में जारी प्रेस विज्ञप्ति में वर्णित तथ्यों का खण्डन किया जाता है कि आरोपी सुरेश उपाध्याय व उनकी पत्नी का जमानत आवेदन निरस्त कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। वास्तव में अनुराधा उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त किया गया था एवं किसी को भी जेल नहीं भेजा गया है।



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