आर्थिक व्यवस्था से चरमरा रही जनमत कोरोना महामारी के देत्य से सर्दी जुखाम के मरीज भी हो रहे हे कोराना पाजेटिव नगर में आर्थिक व्यवस्था को संचालित बैंक आफ इंडिया शाखा कानवन हुई सेनिटाइजर


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज (संपादक)
शंकर राठौर की रिपोर्ट
कोराना महामारी के बढ़ते प्रभाव और सर्दी जुखाम बुखार के मरीजों में कारोना के सक्रमंण पाये जाने पर मरीजों सहित परिवार,संस्था,के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में कानवन बैंक आफ इंडिया शाखा कानवन के मैनेजर रविन्द्र सिंह गुरुवार को बैक कर्मी कि हड़ताल होने पर सर्दी जुखाम के इलाज हेतु इंदौर में जांच कराने पर कोरोना के पाजेटिव मरीज पाये गये जिसकी सुचना पर कानवन शाखा का बैंकिंग कार्य बाधित हुआ बैंक उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कानवन शाखा के कार्यालय व कर्मचारी का सेनिटाइजर किया गया इस दौरान बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी ने व्यवस्था के संवाद टेबल लगाकर ग्राहकों को सन्तुष्ट किया गया। आर्थिक व्यवस्था से चरमारे ग्राहकों के मुंह पर चिंता कि लकिरे दिखाई दी। कैराना महामारी , मलेरिया , डेंगू बुखार सर्दी जुखाम के मरीज सामान्य बिमारियों के इलाज से ज्यादा कोराना कार्रवाई से डर रहे हैं। बिमारियों को लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग की कार्यकुशलता पर प्रश्न चिन्ह लगा कर मप्र की सरकार से स्वास्थ विभाग को सर्दी जुखाम बुखार आदि कि मेडिसिन विभाग उपाय के लिए आर्थीक स्तर कि मजबूत संस्थाओ से आर्थीक भागीदारी मदद लेना चाहिए।

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