मामाजी की पुण्यतिथि को लेकर एसडीएम गेमावत ने व्यवस्थापको के साथ ली बैठक


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज (संपादक)
     समाधी स्थल का भी लिया जायजा जारी की अपील
बामनिया पेटलावद
आगामी 26 दिसम्बर को मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।इस दिन हजारों की संख्या में मामाजी के अनुयायियों का तांता बामनिया में स्थित मामाजी की समाधी स्थल पर लगता है। लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करवाने के लिए प्रशासन ने बड़े आयोजन पर रोक लगा दी है।प्रशासन व व्यवस्थापको ने मामाजी के अनुयायियों से अपील की है कि वह अपने घर से मामाजी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सरकार की गाइड लाइन का पालन करे।

बैठक आयोजित

इसी क्रम में गुरुवार को एसडीएम  शिशिर गेमावत के नेतृत्व में स्थानीय जनपद पंचायत कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पूंजाजी महाराज राम मंदिर चित्रकूट, रामलाल जी निनामा महामंत्री भील आश्रम बामनिया, गौतम भाई मोरवानिया,कांति भाई राम मंदिर रामगढ़,नाथू महाराज घाटागरली पीपलखुटा,रतनलाल जी निनामा,कमलेश वडलिखेड़ा,नारायण महाराज झकलावदा राजस्थान, लक्ष्मण भाई मातासुला, विजय मचार, सुशीला बेन, तोलसिंह भूरिया, विजय हारी रतलाम, भेरूसिंह डामर बाजना सहित आश्रम संस्थापक मूर्ति भाई मेडा,वरिष्ठ पत्रकार एवं व्यवस्थापक सत्यनारायण शर्मा आदि की उपस्थिति में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वानुमति से समाधि स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने का निर्णय लेते हुए अनुयायियों से अपील की गई कि वह अपने घरों से ही मामा जी 
को श्रद्धांजलि अर्पित करें। 

प्रशासन ने समाधि स्थल का लिया जायजा

गुरुवार को पेटलावद एसडीएम शिशिर गेमावत,एसडीओपी सोनू डावर, तहसीलदार जितेंद्र अलावा,थाना प्रभारी संजय रावत, पटवारी श्यामपालसिंह चंद्रावत, यशवन्तसिंह चौहान, जनपद के ज्ञानसिंह चौहान, द्वारा बामनिया पहुचकर मामाजी की समाधी स्थल का जायजा लिया।इस दौरान प्रशासन की ओर से भी अपील की गई है कि मामाजी के अनुयायी कम से कम समाधि स्थल पर पहुंचे और शोसल डिस्टेंस के नियमों का पालन करते हुए मामाजी को श्रद्धांजलि अर्पित करे तथा जो भी व्यक्ति दर्शन करने पहुंचे वह समाधी स्थल पर रुके नही तथा नियमो का पालन करे।इस सम्बंध में अनुयायियों की ओर से बैठक में यह भी निर्णय लिया की वे स्वयं सभी अनुयायियों से एक पेम्पलेट के माध्यम से अपील जारी करेंगे कि इस वर्ष मामाजी को श्रद्धांजलि घर से ही देवे तथा कम से कम लोग समाधी स्थल पर पहुंचे। 

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