स्कूल आने पर लौटी मुस्कान शिक्षकों ने पुष्पहार पहना कर किया बच्चो का स्वागत


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

पारा ~[शैलेंद्र राठौर अरण्यपथ]~ सामान्य तौर पर देखा जाता रहा है कि बच्चे शुरुआत में स्कूल जाने के लिए तैयार नही होते, लेकिन कोरोना के कारण लगभग डेढ़ वर्ष बाद छोटे-छोटे बच्चे जब सोमवार को स्कूल पहुंचे तो वे खिलखिला उठे। पारा की रजला संस्था के शिक्षकों ने नई पहल करते हुए सभी बच्चो का पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया। रजला संस्था के प्रधान पाठक कालू सिंह सोलंकी ने बताया कि विगत डेढ़ साल से बंद स्कूलों को शासन द्वारा सोमवार को खोलने के आदेश के बाद पहली से पांचवी तक कक्षा प्रारंभ की गई।जिसमें शिक्षकों द्वारा बच्चों का तिलक लगाकर, माला पहनाकर स्वागत किया गया। सोलंकी ने बताया कि पहले दिन आए सभी बच्चे बहुत ही खुश दिखाई दिए। बच्चो द्वारा स्कूल खोलने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। सोलंकी के अनुसार चूंकि अभी कोरोना पूर्ण रूप से समाप्त नही हुआ है इसलिए शासन की गाइड लाइन के अनुसार ही कक्षाएं संचालित की जाएंगी, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के साथ सभी बच्चों के हाथ धुलवाए जाएंगे। वहीं सेनेटाइजर का भी उपयोग किया जाएगा। पहले दिन शिक्षकों ने भी जोश के साथ बच्चो की आवभगत की संस्था में कालूसिंह सोलंकी,रेखा मोरी,थावरी डावर, संता भाबर बापूसिंह चौहान,रामचंद्र प्रजापत,प्रकाश माली, पुष्पा भूरिया,सरिता सोलंकी,लता सोलंकी,संकुल समन्वयक निलेश परमार तथा समस्त स्टाफ की उपस्थिति में बच्चो का स्कूल प्रवेश कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।




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