डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
जयघोष के साथ स्वयंसेवकों ने लगाये वंदेमातरम के नारे।
कदम से मिले कदम।
संघ के पथ संचलन में शामिल हुए सैकड़ो विद्यार्थि स्वयंसेवक।
सम्पूर्ण नगर में निकला पथ संचलन
विद्यालयीन छात्र स्वयंसेवक के तौर पर पथ संचलन में हुवे शामिल।
सिर पर काली टोपी सफेद कमीज पहने बिगुल व घोष वादन की धुन पर कदम से कदम मिला कर चलते स्वयंसेवक मौका था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की और से अपने स्थापना दिवस पर नगर के मुख्य मार्गो से निकाले गये पथ संचलन का।पथ संचलन की शुरुआत स्थानीय थांदला अष्ट हनुमान मंदिर प्रांगण से लिया।का जगह,जगह पर विभिन्न समाजसेवी संघटनो व व्यवसायी संघटनो द्वारा फूल मालाओं से स्वागत किया गया संचलन को ले कर युवा वर्ग में काफी उत्साह नज़र आया पथ संचलन से पूर्व अष्ट हनुमान मंदिर प्रांगण में विजयादशमी उत्सव उपलक्ष्य में शस्त्र पूजन किया गया इसके बाद ध्वज रोहण कर पथसंचलन का श्री गणेश किया गया इसके पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की और से विजयादशमी उत्सव के उपलक्ष्य में बौद्धिक प्रवचन हुवा कार्यक़म में मुख्य वक्ता के रूप में कैलाशजी मालीवाड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि विजयादशमी का पर्व नाम से ही विजय की आकांक्षा पैदा करता है यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की जीत व अराष्ट्रवादियो पर राष्ट्रवादियों की ताकत का परिचायक है। इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ केशवराम हेडगेवारजी ने की थी वर्तमान में भारत गौरवशाली परंपरा को भूल रहा है लेकिन अब देश के स्व और स्वत्व को जगा कर आगे बढ़ाना है इस दौरान उन्होंने स्वयंसेवकों को समर्पण संकल्प भाव के साथ मातृभूमि की सेवा करने की बात कही वही प्रमुख वक्ता वीरेंद्रजी पाटीदार ने हिन्दू समाज को संगठित होने की बात कही।आपने कहा कि1925 में विजयादशमी के ही दिन केशव बलीराम हेडगेवारजी ने संघ की स्थापना की थी। आज अनेको वर्ष बाद 45 से ज्यादा देशों में संघ के लाखों स्वयंसेवक हैं।जिले में संघ के कार्यकर्ताओं की संख्या हजारों में है।पथ संचलन हेतु सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई थी पूरे समय अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मनोहर सिंह गवली व थाना प्रभारी कोशल्या चौहान अपने दल बल के साथ मौजूद थे।
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