गति अवरोधक नहीं होने से तेज गति से निकलते हैं, वाहन कभी भी हो सकता है, बड़ा हादसा जिम्मेदार दे इस ओर ध्यान।


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


खवासा ~[ सुनील सोलंकी अरण्यपथ]
भामल के नजदीक हाई स्कूल व मिडिल स्कूल भी होते हैं संचालित

नरसिंहपाड़ा में भी मिडिल स्कूल रोड पर होने के कारण बच्चे पहुचते है पड़ने के लिए।

ग्रामीणों की मांग की कि यहां स्पीड ब्रेकर बनाया जाए ताकि वीरगति से निकल रहे हो वहां पर नियंत्रण हो

खवासा से लेकर भेरुपाड़ा तक साढ़े दस किलोमीटर का निर्माण सीसी रोड 2017-18  पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार के माध्यम से रोड़ का निर्माण किया गया था लेकिन निर्माण के वक्त से लेकर अभी तक खवासा से लेकर भेरूपाडा, तक मार्ग में ग्रामीण क्षेत्र जिनमें नरसिंगपाड़ा,भामल,परवाडा, आदि गाव में गति अवरोद्धक नही होने के कारण दो पहिए एव चार पहिए वाले वाहन तेज गति निकलते है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, वही भामल के ही नजदीक मिडिल स्कूल एवं भामल से थोड़ा बाजना मार्ग 100 मीटर के दायरे में हाई स्कूल में भी बच्चे पढ़ने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन दोनों स्कूल की तरफ पर कोई भी गति अवरोधक नहीं है, बच्चों की जब लंच के समय जब भी दोपहर में छुट्टी होती है, तो बच्चे इसी रोड को क्रॉस करते हुए निकलते हैं तो वहीं भामल क्षेत्र में आबादी क्षेत्र होने के कारण आसपास रोड के नजदीक मकान भी है जिसके कारण इधर से उधर बच्चे भी खेलते हुए नजर आते हैं लेकिन भामल में कहीं भी गति अवरोधक नहीं है, जिससे तेज गति से वाहन तो निकलते हैं लेकिन कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है,रोड एकदम क्लियर होने के कारण वाहन सरपट से चलाने वाले तेज गति से वाहन चलाते हैं, कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं,बताने वाले बताते हैं, कि सीसी रोड पर गति अवरोधक का निर्माण करने से पहले कलेक्टर की अनुमति ली जाती है, उसके बाद ही सीसी रोड में गति अवरोधक का निर्माण किया जाता है, पूर्व में भी झाबुआ जिले की एक स्कूल के पास तेज गति से निकल रहे वाहन के कारण स्कूल के बच्चे की मौत तक हो चुकी है, ग्रामीण बबलू पटेल रामसिंह सोलंकी नानालाल जादव, मोहन जादव, सूरज चरपोटा, आदि ने बताया कि आए दिन वाहन यहां तेज गति से निकलते हैं,तो साथ ही मिडिल स्कूल एवं हाई स्कूल के पास बच्चे भी पढ़ने के लिए पहुंचते हैं जब बच्चे इधर से उधर क्रॉसिंग करते हैं तो उनका ध्यान भटक जाता है, और हादसा कभी भी हो सकता है जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को इस और संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द सीसी मार्ग पर गति अवरोधक का निर्माण करना चाहिए ताकि भविष्य में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने से बचाया जा सके।

पुलिए पर लोहे की रेलिंग के पाइप भी टूटे लेकिन जिनकी जिमेदारी है देख रेख करने की वह ध्यान ही नही दे रहे है,
भामल के ही नजदीक खवासा मार्ग पर एक पुल बना हुआ है, उस पुल के दोनों और रेलिंग लगी हुई है, लेकिन एक तरफ की रेलिंग का पाइप टूटा हुआ है जो कभी भी यहां वाहनों के लिए दुर्घटना का कारण बन सकता है,क्योकि पुल के नजदीक ही खाई है, ग्रामीणों का कहना है,यह पाइप सड़ चुके है।  ठेकेदार ने जब इस रोड का निर्माण किया गया था उस समय यहां पर नई रेलिंग नहीं लगाई गई थी जिसके कारण उसी पुरानी लोहे की रेलिंग होने के कारण यह पाइप सड़ चुके हैं, बताने वाले बताते हैं कि ठेकेदार ने इस पुल का नए से निर्माण ना करते हुए उसी पुराने पुल पर ही रोड का निर्माण कर दिया गया हालांकि पुल तो ठीक-ठाक है लेकिन रेलिंग सही नहीं होने के कारण यहां कभी भी कोई वाहन खाई के नजदीक गिर सकता है,जिससे कोई बड़ी घटना हो सकती है,  ग्रामीणों ने भी मांग करी है कि यहां रैलीग नए सिरे से बनाई जाए।
वही मामले को लेकर जब पीडब्ल्यूडी की एसडीओ रेशम गामड़ को एक से अधिक बार फोन लगाने के बाद भी उनका फोन बिजी ही आ रहा था,

इनका कहना है,
एक आवेदन कार्यालय में जमा करवा देवे कि यहां दुर्घटना संभावित क्षेत्र है, और स्पीड ब्रेकर लगाएं जावे फिर हम इस मामले को दिखावा देते हैं, और मैं इंजीनियर को मौके पर भेजकर मामला दिखाता हूं,
"विजयसिंग पंवार ई.ई पीडब्ल्यूडी विभाग झाबुआ"

स्पीड ब्रेकर का कलेक्टर साहब से परमिशन लेनी पड़ती है,अगर वहां के ग्रामीण मांग कर रहे हैं,तो एक लेटर पैड बना कर देवे कलेक्टर साहब द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद ही वहां पर स्पीड ब्रेकर लगाए जा सकते हैं,
"आरती बघेल सबइंजीनियर पीडब्ल्यूडी पेटलावद"

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