नाबालिक से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 3 वर्ष की सजा


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
जबलपुर~[अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क म.प्र/छ.ग] न्यायालय श्रीमती ज्योति मिश्रा विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपी शेख रहमान को थाना गढ़ा के विशेष प्रकरण क्रमांक 132/2018 धारा 451,354,भादावि, अनु. जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(अ)(क) व 3(1)(ब)(1) तथा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7 सहपठित धारा 8 के तहत 03 वर्ष का कारावास एवं कुल 2600 रूपये का अर्थदंड से दंडित किया।घटना दिनांक 18/06/2018 को अभियोक्त्री द्वारा इस आशय की रिपोर्ट थाना गढ़ा में दर्ज कराई कि दिनांक 15/06/2018 को समय करीब 9-9ः15 बजे जब वह घर पर अकेली थी, तथा उसके माता-पिता घर से बाहर गये हुये थे, तभी मोहल्ले में रहने वाला आरोपी शेख रहमान उसे अकेला देखकर उसके घर में घुस आया और बुरी नीयत से उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा, और कहने लगा कि उसे बहुत सारा पैसा देगा, जब अभियोक्त्री चिल्लाई तो आरोपी वहां से भाग गया। उसके बाद अभियोक्त्री ने उक्त घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी और दिनांक 18/06/2018 को अपने मम्मी पापा के साथ अभियोक्त्री ने उक्त घटना की रिपोर्ट थाना गढ़ा में दर्ज कराई। जिस पर थाना गढ़ा के विशेष प्रकरण क्रमांक 132/2018 के तहत अपराध पंजीबध्द कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के मार्गदर्शन में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती मनीषा दुबे द्वारा उक्त मामले में शसक्त पैरवी की गई।श्रीमती मनीषा दुबे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुये न्यायालय श्रीमती ज्योति मिश्रा विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपी शेख रहमान को थाना गढ़ा के विशेष प्रकरण क्रमांक 132/2018 धारा 451 भादावि के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, धारा 354भादावि के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 का अर्थदंड, अनु. जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(अ)(क) के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड व धारा 3(1)(ब)(1) के तहत 6 माह का सश्रम कारावास एवं 100 रूपये का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7 सहपठित धारा 8 के तहत 03 वर्ष का कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड से दंडित किया।


                  



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