झाबुआ का जी.आई.टेग प्राप्त कड़कनाथ अब बनेगा धोनी के फार्म की शान


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

थांदला ग्राम रूण्डीपाडा से 2000 हजार कड़कनाथ चूजे लेकर रवाना हुए।

झाबुआ ~[अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क म.प्र/छ.ग]~  महेन्द्रसिंह धोनी के इजा फार्म रॉंची के लिए विनोद मेड़ा ग्राम रूण्डीपाडा विकासखण्ड थांदला 2000 कड़कनाथ चूजे लेकर रवाना हुए। जिन्हें कलेक्टर द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।  मेड़ा,धोनी के फार्म पर कड़कनाथ चूजे ले जाने के लिए काफी उत्साहित है। उनका कहना है कि इससे झाबुआ के कड़कनाथ को एक नई पहचान मिलेगी एवं जिले का नाम पुरे देश में रोशन होगा। लगभग 1.5 वर्ष पहले धोनी के मैनेजर डॉ. एस.एस. कुल्लू एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. चंदन कुमार के बीच में कड़कनाथ पालन के संबंध में बात हुई थी। फाइनल डील 2000 चूजे प्रति चूजा 90 रू. के मान से कुल 1.80 लाख में तय हुई थी। चूजे विनोद मेड़ा द्वारा उनके फार्म से भेजे जाने थे। लेकिन बर्ड फ्लू के कारण उस समय डिलीवरी नही हो पाई थी। जिन्हें अब भेजा जा रहा है। पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ. विलसन डावर ने बताया कि कड़कनाथ में वसा एवं कोलेस्ट्रोल बहुत कम होता है। तथा प्रोटीन एवं जरूरी फेटी एसिड अधिक होते है, जिसके कारण कड़कनाथ की मांग अधिक है। मेड़ा के आशीष कड़कनाथ फार्म पर उपलब्ध कड़कनाथ चूजों का टीकाकरण डॉ.अमित कुमार दोहरे के मार्गदर्शन में किया गया।आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत कड़कनाथ को एक जिला एक उत्पाद के लिये चयनित किया गया है। कड़कनाथ को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कड़कनाथ के प्रचार-प्रसार एवं विक्रय हेतु वेबसाईट भी तैयार की गई है। अब तक वेबसाईट के माध्यम से देश के विभिन्न शहरों में 6.00 लाख की कड़कनाथ खरीदी ऑनलाईन की गई है। कड़कनाथ के व्यवसाय से अब युवा भी जुड़ रहे है। कड़कनाथ फार्म एवं हेचरी स्थापित करने के लिए केन्द्र शासन की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना संचालित है। जिसकी इकाई लागत 34.00 लाख है। इय योजना में जिले के 06 लोगों ने ऑनलाईन आवेदन किये है। विनोद मेड़ा द्वारा भी आवेदन किया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन से कड़कनाथ उत्पादन और बढे़गा एवं लगभग 50 लोगों को रोजगार मिलेगा। 

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