पुरानी पेंशन की मांग को लेकर अध्यापक हुये लामबंद १ मई को होगा भोपाल में प्रदर्शन।


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
थांदला~[गोपाल प्रजापत अरण्यपथ न्यूज] ~ पुरानी पेंशन की मांग को लेकर जहां चौतरफा दबाब प्रदेश सरकार पर बन रहा है,वही अब अध्यापक संवर्ग इस मांग को लेकर अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए एक बार पुनः लामबंद हो रहा है।आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के बैनर तले एक बार पुनः विकास खंड से लेकर प्रदेश के राजधानी भोपाल तक अध्यापक हल्ला बोलने की तैयारी में है।इसी तारतम्य में आज झाबुआ जिले के थांदला विकास खंड में आजाद अध्यापक शिक्षक संघ की एक बैठक आहूत की गई।जिसमें संघ के प्रदेश संगठन मंत्री जवानसिंह बारिया और जिला उपाध्यक्ष करणसिंह खोखर ने शिरकत करते हुए आगामी रणनीति बताई।संघ के ब्लाक अध्यक्ष मिट्ठूसिंह गणावा ने बताया कि एक मई मजदूर दिवस पर प्रदेश भर के अध्यापक एक बार पुनःभोपाल में जुटेंगे।जहां पुरानी पेंशन को लागू करने की पुरजोर मांग की जाएगी। बताया गया कि यदि सरकार से 1 मई के आयोजन की अनुमति नही मिलती है तो विदिशा से पद यात्रा शुरू की जाएगी,जिसका नेतृत्व आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल करेंगे।इस पदयात्रा का उद्देश्य अध्यापक शिक्षक संवर्ग के सेवानिवृत शिक्षकों एवं दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को पुराने शिक्षक संवर्ग की भांति न्यू पेंशन स्कीम (एन पी एस) को हटाकर उसके स्थान पर ओल्ड पेंशन स्कीम (ओ पी एस) लागू कराने का ही मुद्दा रहेगा।इसके अतिरिक्त 1जुलाई 2018 के बाद 12 वर्ष की सेवावधि पूर्ण कर चुके अध्यापक शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति एवं पद्दोन्नती के आदेश जारी करने की मांग प्रमुख रूप से शामिल है।इस प्रदर्शन झाबुआ जिले में से हजारों अध्यापक शिक्षक के शिरकत करने की कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है। थांदला विकास खंड अध्यक्ष मिट्ठूसिंह गणावा ने बताया कि थांदला ब्लाक से भी सैकड़ों महिला और पुरुष अध्यापक शिक्षक संवर्ग के साथीयो ने संकल्प लिया की अपने हक,अधिकार की लड़ाई लड़ने इस प्रदर्शन में भोपाल या विदिशा जाकर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ एवं प्रांताध्यक्ष भरत पटेल के नेतृत्व में उनके निर्देशानुसार हर एक प्रकार के प्रदर्शन आंदोलन जो संघ द्वारा तय होगा उसके सहभागी बनेंगे।थांदला ब्लाक की इस बैठक में कलसिंह वसुनिया,प्रवीण पणदा,रमसू मईडा,हुरसिंह मईडा,तोलिया कतिजा,रामसिंह गरवाल,दिलीप डोडियार गंगाराम भूरिया,भूरेसिंह अड़,रोशनी अरोड़ा,बिंदु आचार्य,रेखा डावर उर्मिला खोखर,प्रताप वसुनिया,निकेश भूरिया,दलसिंह सिंगाड,रेवसिंह डामोर,भुरा चरपोटा,धन्ना सिंगाड़,रियाज खान,मोहन डामोर,कच्चूसिंह डामोर,जुवानसिंह मोहनिया,बाबूसिंह निमचिया,सहित सैकड़ों अध्यापक शामिल रहे।

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