झाबुआ में डिलिस्टिंग की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच की विशाल महारैली जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)




जनजाति सुरक्षा मंच के विभाग कार्य प्रमुख राजेश डावर ने भीली भाषा में संबोधित किया।

झाबुआ [निरंजन भारद्वाज अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]डिलिस्टिंग की मांग को लेकर कल 30 अप्रैल शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर जनजाति सुरक्षा मंच मध्य भारत द्वारा महारैली का आयोजन किया गया,जिसमें झारखंड से आए जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मेगाव राव,जनजाति सुरक्षा मंच के विभाग कार्य प्रमुख राजेश  डावर,रतलाम से पूर्व सैनिक जी,कमल महाराज ,मनसुख महाराज,भारतीय जनता पार्टी के जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर,क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर,संत समाज,अनेक हिंदू संगठनों,सहित बड़ी संख्या में जिले के दूरस्थ अंचलों से आए जनजाति समुदाय के लोगों ने हिस्सेदारी की। रैली को लेकर एक ओर जहां जिला प्रशासन सजग था, वहीं जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी।डिलिस्टिंग (धर्मान्तरित जनजातियों का आरक्षण समाप्त किए जाने) की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच मध्य भारत द्वारा शनिवार को जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में महारैली का आयोजन किया गया जिसमें जिले के दूरस्थ अंचलों से आए जनजाति समुदाय के करीब 10,000से भी अधिक लोगों ने भाग लिया। रैली नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी। महारैली को झारखंड राज्य से आए जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मेगाव राव ने संबोधित किया। उन्होंने रैली के माध्यम से मांग की,कि जनजाति समुदाय के धर्म और संस्कृति एवं परम्पराओं की रक्षा हो,और धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण समाप्त हो। राव ने धर्मान्तरण और धर्मान्तरित किए गए सदस्यों को आड़े हाथों लेते हुए उन पर निशाना साधा। राव ने कहा हमारी लड़ाई किसी के खिलाफ न होकर जनजाति समुदाय के हक को लेकर है।उन्होंने डिलिस्टिंग का मुद्दा उठाया और कहा कि यह मुद्दा कोई नया नहीं है।करीब 50वर्ष पहले डिलिस्टिंग की मांग को लेकर यह लड़ाई कार्तिक राव के नैतृत्व में शुरू हुई थी, तब उन्होंने इंदिरा गांधी के समक्ष यह मांग रखी थी,और उन्हें करीब 270 सांसदों का समर्थन प्राप्त था,किन्तु इंदिराजी ने कुछ नहीं किया।राव ने इस मुद्दे को लेकर इसाई समुदाय द्वारा दिए गए ज्ञापन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने ज्ञापन देकर हमें चुनौती दी है। इसाई समुदाय के लोग कहते हैं कि आदिवासियों का कोई धर्म नहीं है,तो फिर ये लोग इनके गले में क्रास क्यों डालते हैं? और बच्चों के जन्म पर बपतिस्मा क्यों मनाया जाता है? राव ने कहा डिलिस्टिंग की मांग को लेकर जनजाति समुदाय द्वारा विभिन्न प्रदेशों में रैली निकाली गई, जनजाति सुरक्षा मंच के विभाग कार्य प्रमुख राजेश जी डावर ने अपनी भिली भाषा में वक्तव्य दिया कि जिसे भारी समर्थन प्राप्त हुआ है। प्रदेश में अभी और जगहों पर भी महारैली की जाएगी।जनजाति सुरक्षा मंच की महारैली के लिए जनजाति समुदायिक संगठनों द्वारा कुछ दिनों से तैयारी की जा रही थी। गुरुवार को जिले  के थांदला में महारैली के मद्देनजर स्थानीय हनुमान अष्ट मंदिर सभागार में रैली को लेकर बैठक की गई थी,जिसमें महारैली को सफल बनाने हेतु कार्य योजना पर सहमति बनी थी।

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