सांसद गुमानसिंह डामोर के अथक प्रयासों से इन्दौर-दोहद रेल्वे लाईन का काम द्रुत गति से जारी


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


रेलवे लाईन के बजट में भी केन्द्र सरकार द्वारा किया गया करोडो का प्रावधान


रेलमंत्री ने सांसद डामोर को शीघ्र कार्य पूरा होने का दिलाया भरोसा


झाबुआ/मध्यप्रदेश[अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क] क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर की सक्रियता एवं सजगता के कारण भारत सरकार द्वारा इन्दौर-दोहद रेलवे लाईन के लिये अब प्राथमिकता देने का क्रम प्रारंभ कर दिया है। इन्दौर- दोहद रेलवे लाईन के कार्य को लेकर सांसद गुमानसिंह डामोर ने कई मर्तबा संसद में अपनी आवाज को उठा कर इस क्षेत्र की जीवनरेखा बनने जा रही इस रेल्वे लाईन के लिये जहां बजट में करोडो का प्रावधान करवाने में सफलता हांसील की वही उनके द्वारा कई मर्तबा केन्द्र सरकार के आला अधिकारियों के साथ ही केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से भी पत्राचार किया तथा उनसे सीधे भेंट कर अंचल के लोगों की भावनाओं से अवगत कराया।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सांसद डामोर को भरोसा दिलाया है कि इस कार्य को प्राथमिकता की श्रेणी मे रखा गया है।सांसद गुमानसिंह डामोर के प्रयासों से इन्दौर -दोहद रेल लाईन शीघ्र ही निकट भविष्य में साकारता प्राप्त करेगी।सांसद के प्रयासों से ही रेल मंत्रालय ने विगत 8 अप्रेल को अधिसूचना अपने राजपत्र में भी जारी कर दी है। तदनुसार केन्द्रीय सरकार, रेलवे (अमेडमेंट) अधिनियम 2008 की धारा 2 के खंड ( 7 क ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश राज्य में विशेष रेल परियोजना के सन्दर्भ में दाहोद-इन्दौर नई बडी लाइ्रन वाया झाबुआ,सरदारपुर,धार एवं पीथनपुर के लिये भूमि अधिग्रहण के निष्पादन,अनुरक्षण, प्रबंधन और प्रचालन के लोक प्रोजन के लिये अनुविभागीय अधिकारी धार को उक्त अधिनियम के अधीन ऐसे अधिकारी के रूप मे कृत्यों का निर्वहन करने लिये सक्षम अधिकारी के रूप में प्राधिकृत कर दिया है।इससे निश्चित तौर पर इस लाईन के लिये आने वाली बाधायें भी समाप्त हो जायेगी।केन्द्र सरकार ने भी तेजी से इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू करने का फैसला लिया है।यह प्रोजेक्ट दो साल साल से बंद था. इस प्रोजेक्ट की लागत 2000 करोड़ रुपये है. 200 किलोमीटर से अधिक लंबी रेललाइन की शुरुआत 2008 में हुई थी. इंदौर से टीही तक का काम पूरा हो चुका है लेकिन इस पर अभी कंटेनर ट्रेन चलाई जा रही है। इस रेल लाइन के बन जाने पर इंदौर से गुजरात और महाराष्ट्र का सफर आसान होगा।इस प्रोजेक्ट में 41 बड़े जबकि 32 छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।रेल लाइन इंदौर, पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ, छोटा उदयपुर होते हुए दाहोद को जोड़ेगी।सांसद गुमानसिंह डामोर के प्रयासों का अब अमली जामा पहिनाने का क्रम शुरू हो चुका है।अब जल्दी ही निकट भविष्य में इंदौर-दाहोद रेल लाइन पर ट्रेन दौड़ने लगेगी । इस रेल लाइन के काम को शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। इसके जरिए आर्थिक राजधानी इंदौर सीधे गुजरात से कनेक्ट हो जाएगी। इस रेल लाइन का प्रोजेक्ट पिछले 2 साल से बंद पड़ा था, लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने इसे एक बार फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। रेलवे बोर्ड ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।गौरतलब है कि ये रेल लाइन इंदौर, पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ, छोटा उदयपुर होते हुए दाहोद को जोड़ेगी. इसकी लंबाई 204.76 किलोमीटर है. पीथमपुर, सागौर, गुनावद, धार, तिरला, अमझेरा, सरदारपुर, राजगढ़, पानपुरा, उमरकोट, अंबलवानी, फतेहपुरा, झाबुआ, पिटोल, कतवारा शहर और कस्बे के लोग रेल लाइन से सीधे कनेक्ट हो जाएंगे।दाहोद लाइन की पहली सुरंग टीही और पीथमपुर स्टेशन के बीच बनना है. करीब दो किलोमीटर लंबी इस सुरंग के बनने के बाद ही पीथमपुर और धार तक रेल लाइन पहुंच पाएगी. अन्य सुरंगें धार से झाबुआ के बीच बनेंगी जिनका निर्माण खासतौर पर माछलिया घाट वाले हिस्से में होगा। ज्ञातव्य है कि ये रेल लाइन इंदौर, पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ, छोटा उदयपुर होते हुए दाहोद को जोड़ेगी। इसकी लंबाई करीब 200 किलोमीटर है. पीथमपुर, सागौर, गुनावद, धार, तिरला, अमझेरा, सरदारपुर, राजगढ़, पानपुरा, उमरकोट, अंबलवानी, फतेहपुरा, झाबुआ, पिटोल, कतवारा अंचल के लोग रेल लाइन से सीधे कनेक्ट हो जाएंगे। दाहोद लाइन की पहली सुरंग टीही और पीथमपुर स्टेशन के बीच बनना है। करीब दो किलोमीटर लंबी इस सुरंग के बनने के बाद ही पीथमपुर और धार तक रेल लाइन पहुंच पाएगी। अन्य सुरंगें धार से झाबुआ के बीच बनेंगी जिनका निर्माण खासतौर पर माछलिया घाट वाले हिस्से में होगा। निकट भविष्य में सांसद गुमानसिंह डामोर के अथक प्रयासों के चलते इस अंचल में रेल का सपना जो 2008 से अंचल की जनता देख रही है, वह पूरा हो सकेगा।


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