डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
क्या है मामला???
बजूरी पति भैरू को ग्रामपंचायत भाबरा ने 35 बाई 40 का पट्टा सन 1974 में दिया गया था बाद में बजूरी पति गुरु की मृत्यु हो जाने के बाद वह पट्टा कन्यालाल के नाम से नामांतरित हुआ
इसी प्रकार का पट्टा फिरोजा पति अजीज शेख के पास भी
था एडवोकेट हिमांशु भटेवरा के द्वारा तहसील कार्यालय चंद्रशेखर आजाद नगर भाबरा में तर्क दिया गया की फिरोजा पति अजीत शेख का पट्टा अवैध व कूट रचित है वह आधार देते हुए कहा गया कि फिरोजा को पट्टा सन 1979 में दिया गया था और उनका जन्म 1966 में हुआ था जिससे उनकी उम्र मात्र 13 वर्ष की बताई गई है और पट्टे की रसीद मैं बेचान शब्द का उपयोग किया गया है अगर ग्राम पंचायत द्वारा पट्टा अगर दिया जाता है तो उसे बेचा नहीं जा सकता और फिरोजा पति अजीत शेख के पट्टे की चतुर सीमा पूर्णता गलत है और आधार देते हुए कहा कि पट्टे के अंदर की लिखावट में अलग-अलग तरह के चार से पांच हस्ताक्षर किए हुए हैं सरपंच के हस्ताक्षर तो एक ही होते हैं एडवोकेट यासीन मलिक के द्वारा इन प्रश्नों के जवाब नहीं दिए जाने पर तहसील कार्यालय चंद्रशेखर आजाद नगर में यह शिकायत आवेदन पत्र को स्वीकार करते हुए फिरोजा पति अजीज शेख के विरुद्ध निर्णय दिया गया जिसमें बने हुए अवैध अतिक्रमण को हटाया जाने का निर्देश दिया था।पटवारी,आर आई, पुलिस बल लेकर तीन बार अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए तहसीलदार का आदेश का पालन करने के लिए गए थे जिसमें फिरोजा पति अजीज के द्वारा अतिक्रमण को नहीं हटाने की बात कही गई।अनावेदिका अधिवक्ता द्वारा जेसीबी कंपनी की मशीन मालिक को धोस धमकी दी गई कि अगर तुमने इस अतिक्रमण को हटाया तो मैं तुम्हें हर 20 दिन में जोबट कोर्ट के चक्कर कटवा ता रहूंगा और उसे डराया और धमकाया गया और आखिर में मशीन के मालिक के द्वारा मशीन को वापस ले जाए जाने का निर्णय लिया गयाअधिकारीगण को खुले तौर पर धमकी दी गई की अगर अपने किसी भी प्रकार से इस अतिक्रमण को हटाया तो सभी को एक-एक को देख लिया है और सभी को इस अतिक्रमण के विरुद्ध पार्टी बनाऊंगा और तहसीलदार साहब के आदेश को तालिबानी आदेश कहा गया है जिसमें तहसीलदार साहब के द्वारा पूर्ण रूप से जांच एवं निष्पक्ष कार्यवाही की गई है और अनुविभागीय अधिकारी को दिए गए धारा 51 के अपील के पत्र को बता कर काम रुकवाने की की बात कर करवाता है।घटना की जानकारी सोशल मीडिया से वायरल हो रही दो वीडियो क्लिप से हुई है जिसमें अधिवक्ता एडवोकेट यासीन मलिक के द्वारा खुले तौर पर प्रशासनिक काम में बाधा डालने का काम किया गया और सभी प्रशासनिक अधिकारी को धमकी दी गई और आदेश को तालिबानी आदेश कहकर अपमानजनक बताया गया जिससे नगर में सोशल मीडिया के माध्यम से इस वीडियो का काफी विरोध हो रहा है और जनता के द्वारा प्रशासनिक काम मैं बाधा डालने का काफी विरोध हो रहा है।
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