डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
झाबुआ/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क] मध्य प्रदेश नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 में संशोधन-मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सोमेश मिश्रा के पत्र दिनांक 11 जून, के निर्देशानुसार आयोग द्वारा नगरीय निकायों के आम/उप निर्वाचन में मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के संबंध में आदेश का प्रकाशन म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-157,11 अप्रैल 2017 में कराया गया है।जिसमें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र,राशन कार्ड/नीला राशन कार्ड/पीला राशन कार्ड, बैंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, फोटो युक्त सम्पत्ति दस्तावेज जैसे पट्टा,रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि,विकलांगता प्रमाण पत्र,निराश्रित प्रमाण पत्र,पासपोर्ट,ड्राइविंग लाइसेंस,आयकर पहचान पत्र पी.ए.एस.कार्ड,राज्य केन्द्र सरकार,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमा,स्थानय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान-पत्र,छात्र पहचान पत्र,सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अ.ज.जा./अन्य पिछडा वर्ग/अधिवासी प्रमाण पत्र,पेंशन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन अदायगी आदे/भूतपूर्व सैनिक विधवा/आश्रित प्रमाण पत्र,रेलवे पहचान-पत्र,फोटोयुक्त आधार कार्ड, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटोयुक्त मतदाता पर्चो,राज्य निर्वाचन आयोग के‘‘चुनाव‘‘ एप जनित ई-फोटोयुक्त मतदाता पर्ची,बायोमेट्रिक डिवार्डस पर आधार नंबर से पहचान, यह स्पष्ट किया जाता है कि उपर दर्शाए गए किसी दस्तावेज जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है,परिवार के दूसरे सरस्यों की पहचान के लिए उपयोग हेतु अनुमति दी जाएगी, इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, बशर्ते ऐसे दस्तावेज के आधार पर दूसरे सदस्यों की पहचान की जा सकती है।
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