थांदला में श्रावण मास में 58 वर्षों से हो रहा है- रामायण पारायण, प्रवाहित हो रही रामभक्तिरूपी गंगा


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


झाबुआ/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क] जिले के थांदला नगर में भक्त मलूकदास रामायण मंडल द्वारा विगत 58 वर्षों से श्रावण के पूरे महीने में किए जाने वाले रामायण पारायण का आयोजन इस वर्ष भी पूरे हर्षोल्लासपूर्वक किया जा रहा है। मंडल के सदस्यों द्वारा इस हेतु व्यापक रूप से की तैयारियां की गई है।आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा से श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि तक मंडल द्वारा पूरा महीना नगर में घर घर जाकर रामायण पारायण किया जाता है। यह सिलसिला गत 58 वर्ष से अनवरत रूप से जारी है, और इस वर्ष यह 59वे वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। रामायण मंडल द्वारा बुधवार 13 जुलाई से 12 अगस्त तक इच्छुक श्रद्धालुओं के घर रामायण पारायण किया जा रहा है। 12 जुलाई को आयोजन की पूर्व वेला में श्री शांति आश्रम में पारायण किया गया। जबकि श्रावण मास के आरम्भ में 13 जुलाई को श्री राम जी मंदिर में किए गए रामायण पाठ से औपचारिक शुरुआत की गई।उल्लेखनीय है कि नगर में भक्त मलूकदास रामायण मंडल द्वारा श्रीरामचरित मानस पाठ की परम्परा के 58 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, ओर इस वर्ष मंडल अपनी स्थापना के 59 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। नगर में श्री रामचरितमानस मानस के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से सन् 1963 में जय जय सियाराम के उद्घोषक कन्हैयालाल शर्मा द्वारा श्री रामचरित मानस के प्रचार प्रसार के उद्देश्य को लेकर नगर में भक्त मलूकदास रामायण मंडल की स्थापना की गई थी, तब से आज तक मंडल द्वारा नगर में श्रद्धालु जनों के यहां जाकर रामायण पारायण किया जाता रहा है। अपनी स्थापना के 58 वर्ष पूर्ण कर चुके इस धार्मिक संगठन ने इस दौरान जिले के अन्य स्थानों पर भी धर्म और संस्कृति के ध्वज वाहक के रूप में कार्य किया है।परिणामस्वरूप मंडल से प्रेरणा लेते हुए जिले में मेघनगर सहित अन्य स्थानों पर भी कुछ वर्ष पूर्व रामायण पारायण आरम्भ किया गया था, जो अब तक जारी है।भक्त मलूकदास रामायण मंडल के संरक्षक किशोर आचार्य एवं युवा रामायण मंडल के संस्थापक अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने अरण्यपथ न्यूज को बताया कि रामायण पारायण के माध्यम से भगवान् श्री राम के पावनता चरित्र का गुणगान और धर्म जागरण के महान् उद्देश्य को द्रष्टिगत रखते हुए कन्हैयालाल शर्मा द्वारा सन् 1963 में भक्त मलूकदास रामायण मंडल की स्थापना की गई थी। तब से ही नगर में इच्छुक जनों के घर जाकर एवं रामायण पारायण कर अधिकाधिक लोगों को राम कथा रूपी आनन्द से जोड़ने और इस माध्यम से धर्म जागरण का कार्य किया गया।आज रामायण मंडल अपनी स्थापना के 58 वर्ष पूरे कर 59 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। प्रसन्नता की बात है कि मंडल अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रहा है। आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर प्रथम रामायण पारायण स्थानीय श्री बड़े रामजी मंदिर में सम्पन्न हुआ जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा तक अनवरत रूप से जारी रहेगा।

रहें हर खबर से अपडेट अरण्यपथ न्यूज़ के साथ

ख़बर पर आपकी राय