झाबुआ जिले में लम्पी वायरस का हमला, 177 गौवंश हुआ वायरस का शिकार


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


झाबुआ/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]  
जिले में लम्पी वायरस ने हमला कर अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है।आदिवासी अंचल के कई ग्रामों में बड़ी संख्या में गौवंश इस वायरस की चपेट में आ गया है।जिले के पशु चिकित्सा विभाग द्वारा वैक्सिनेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है,किन्तु जिले में गौवंश की संख्या को देखते हुए।वैक्सिनेशन डोज की समुचित रूप से उपलब्धता अभी नहीं हो पाई है, ऐसी स्थिति मे जिले के गौवंश पर वायरस अटैक का बड़ा खतरा मंडरा रहा है।वैसे पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार विभिन्न माध्यमों से वैक्सिनेशन डोज प्राप्त हो रहा है, और प्राथमिकता के आधार पर गौवंश को वैक्सिनेशन डोज दिए जाने का कार्य शुरू भी कर दिया गया है।साथ ही जिला प्रशासन द्वारा भी वैक्सिनेशन डोज की समुचित रूप से उपलब्धता की बात कही गई है।अपर कलेक्टर झाबुआ एस.एस.मुजाल्दा ने "अरण्यपथ न्यूज"और "ईएमएस" को कहा कि जिले में वैक्सिनेशन डोज की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई जा रही है।वैक्सिनेशन डोज की कमी नहीं आएगी।यद्यपि जिले के चार लाख गौवंश को टीकाकरण कर इस बीमारी से सुरक्षित किया जाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है,फिर भी त्वरित रूप से एवं योजनाबद्ध तरीके से उठाए गए कदमों से इस चुनौती से पार पाया जा सकता है और बड़ी संख्या में गौवंश की रक्षा की जा सकती है।सहायक संचालक पशु चिकित्सा विभाग झाबुआ, डॉ. वेल्सन डावर ने जिले में लम्पी वायरस के संक्रमण और संक्रमण को रोकने तथा इस संबंध में किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी देते हुए "अरण्यपथ न्यूज" और "ईएमएस" को बताया कि जिले में करीब 4 लाख गौवंश है। और जिले के 61 गांवो के 177 गौवंश इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं। वायरस से प्रभावित उक्त गौवंश में 62 बिल्कुल स्वस्थ्य हो चुके हैं,शेष की चिकित्सा चल रही है। साथ ही 8153 गौवंश को वैक्सिनेशन डोज भी दिया जा चुका है।तथा चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिकता के आधार पर गौवंश का टीकाकरण कार्य किया जा रहा है।डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि जिस गौपालक के यहां कोई गौवंश वायरस की चपेट में आने पर उसके यहां के अन्य गौवंश सहित उसके आसपास जो गौवंश है,उसका प्राथमिकता के आधार पर त्वरित रूप से वैक्सिनेशन किया जा रहा है,ताकि बीमारी का संक्रमण नहीं फैले। वैक्सिनेशन डोज की आपूर्ति के संबंध में डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि पशु कल्याण समिति सहित गौ संवर्धन बोर्ड के माध्यम से डोज उपलब्ध कराए गए हैं। जिला कलेक्टर द्वारा अन्य माध्यमों से भी डोज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है।भारत सरकार और प्रदेश शासन को भी डिमांड भेजी गई है।डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि लम्पी वायरस एक चर्मरोग है,और इस वायरस के अटैक से गौवंश के शरीर में गठानें हो जाती है। वस्तुत: यह रोग जानलेवा रोग नहीं है,और इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है।इस बीमारी में मृत्यु दर केवल 5%है।जिले में अभी तक एक भी गौवंश की इस बीमारी से मृत्यु नहीं हुई है।फिर भी गौवंश पालकों को इस बीमारी के संबंध में सतर्कता रखनी बहुत जरूरी है।जैसे कोरोना महामारी के आक्रमण के वक्त हमने जो जो सावधानियां बरती थी, ठीक वैसे ही हमें गौवंश के लिए भी बरतनी होगी,ताकि हम उन्हें इस संक्रमण से बचा सकें। डॉ नेल्सन डावर ने कहा कि गौवंश पालकों को चाहिए कि वे अपने गौवंश को मच्छरों और मक्खियों से बचाकर रखें।इस हेतु नीम का धुंआ करें,और यदि कोई गौवंश इस वायरस की चपेट में आ जाए तो उसे तुरंत ही अन्य गौवंश से अलग रखना चाहिए,ताकि अन्य में संक्रमण न फैलने पाए। इसके साथ ही तुरंत पास के पशु चिकित्सालय पर जाकर सूचना देना चाहिए।पशु चिकित्सक उसके घर पहुंच कर चिकित्सा शुरू कर देगा।  

 

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