जघन्य सनसनीखेज मामले में घर में घुसकर बेरहमी से ताबडतोड चाकू मारकर दोहरा हत्याकाण्ड करने वाले आरोपियो को दोहरी फांसी की सजा


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

जबलपुर/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]

जघन्य सनसनीखेज मामले में घर में घुसकर बेरहमी से ताबडतोड चाकू मारकर दोहरा हत्याकाण्ड करने वाले आरोपियो को दोहरी फांसी की सजा

न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपीगण रवि कुशवाहा,राजा कुशवाहा,विनय कुशवाहा को थाना गोरखपुर के अपराध क्रं.357/2021 व न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 544/2021 अंतर्गत धारा 302(दो बार), 450,307,324/34,323/34 भादवि एवं 25(1-ख) आयुध अधिनियम में तीनों आरोपियों को तब तक फांसी लगाकर लटकाया जावे,जब तक उनकी मृत्यु न हो जाये एवं धारा 357(1) दप्रस के तहत आहत रूचि को प्रतिकर के रूप में 25000 रूपये प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया।घटना इस प्रकार है कि प्रार्थी गोलू कुशवाहा ने इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 14.06.2021 को अभियुक्तगण विनय कुशवाहा,राजा कुशवाहा एवं रवि कुशवाहा के साथ उसके साई नगर रामपुर स्थित घर में बाउड्री बाल कूदकर अंदर आये और उसकी पत्नी रूचि से गाली गलौच करते हुये लाठी से मारपीट की। रूचि के बचने के लिए दौडने पर अभियुक्त विनय ने चाकू से उसको जान से मारने की नियत से चोटे पहुचाई। बीच बचाव में गोलू कुशवाहा के पुत्र प्रतीक को भी आरोपीगण ने चाकू से चोटे पहुचाई।इसी बीच पुष्‍पराज एवं नीलम के बीच बचाव के लिए आने पर अभियुक्तगण ने दोनो को चाकू से घातक चोटे पहुचाई जिसके फलस्वरूप पुष्‍पराज एवं उसकी पत्नी नीलम दोनो की मृत्यु हो गई।उक्त प्रकरण में थाना गोरखपुर के अपराध क्रं.357/2021 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं अनुसंधान पश्‍चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। उप-संचालक(अभियोजन) विजय कुमार उईके के मार्गदर्शन में अजय कुमार जैन जिला लोक अभियोजन अधिकारी,कृष्‍णगोपाल तिवारी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी,सुशील सोनी एजीपी द्वारा उक्त मामले में सशक्त पैरवी की गई जिसके फलस्वरूप माननीय विचारण न्यायालय में प्रकरण को जघन्यतम अपराध मानते हुये समाज में भय एवं आतंक कारित मानते हुये।अभियोजन द्वारा पेश की गई साक्ष्य के आधार पर न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी द्वारा निर्णय में लेख किया कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की परिकल्पना समाज के रूह को कप्पा देने और रोगटे खडे कर देने के लिए पर्याप्त है।जो व्यक्ति नाली के मामूली विवाद को लेकर चाकू व लाठी से मारकर निर्मम हत्या कर सकता है वह व्यक्ति सभ्य समाज के लिए एक आतंक मात्र है,और ऐसे व्यक्ति के लिए आजीवन कारावास का दण्डादेश उपयुक्त नहीं है।जिसके फलस्वरूप माननीय न्यायालय ने प्रकरण को विरल से विरलतम मानते हुये प्रकरण के तीनो अभियुक्तगण विनय कुशवाहा,राजा कुशवाहा,रवि कुशवाहा को दोहरा मृत्युदण्ड देते हुये लेख किया कि ‘‘आरोपीगणों को तब तक फांसी लगाकर लटकाया जावे,जब तक उनकी मृत्यु न हो जाये‘‘।थाना गोरखपुर के अपराध क्रं. 357/2021 व न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 544/2021 अंतर्गत तीनो आरोपीगण रवि कुशवाहा,राजा कुशवाहा,विनय कुशवाहा को धारा 302(दो बार) में मृत्यु दण्डादेश,धारा 450 में 07 वर्ष का कठोर कारावास,धारा 307/34 में 07 वर्ष का कठोर कारावास,धारा 324/34 में 01 वर्ष का कठोर कारावास,धारा 323/34 में 6 माह का कठोर कारावास एवं आरोपी विनय कुशवाहा को धारा 25(1-ख) आयुध अधिनियम में 01 वर्ष का कठोर कारावास से दण्डित किया गया।

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