श्रृंगेश्वर धाम में अति महारूद्र यज्ञ 6 मई से ऐतिहासिक आयोजन में महामंडलेश्वर सहित विशिष्ठ अतिथि आएंगे


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


झाबुआ/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]

श्रृंगेश्वर धाम में अति महारूद्र यज्ञ 6 मई से ऐतिहासिक आयोजन में महामंडलेश्वर सहित विशिष्ठ अतिथि आएंगे 

झाबुआ जिले के पेटलावद जनपद क्षेत्र के ग्राम झकनावदा के समीप स्थित सुविख्यात धर्म स्थल श्री श्रृंगेश्वर धाम (केशरपुरा) में 6 से 12 मई तक 108 कुण्डीय अति महारूद्र यज्ञ का अभिनव, एतिहासिक एवं वृहत् आयोजन रखा गया है,जिसमें भाग लेने, महामंडलेश्वरगण, श्रीमद्भागवत कथा प्रवक्ता सहित बड़ी संख्या में संत एवं महंतगण श्री श्रृंगेश्वर धाम आएंगे। आयोजन के दौरान 9 मई को महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी एवं 6 मई को महामंडलेश्वर ईश्वरानंद उत्तम स्वामी का प्रवचन होगा। 11मई को विधि पूर्वक माहीदेवी की मूर्ति की समारोहपूर्वक प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।उक्त आयोजन को लेकर करीब एक माह पूर्व से व्यापक रूप से की जा रही तैयारियां पूर्णता की ओर है।अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री हरिगिरिजी महाराज कुछ समय के लिए श्रृंगेश्वर धाम आए ओर आयोजन के संबंध में कई जा रही तैयारियों का जायजा लिया,ओर श्रृंगेश्वर धाम के महंत रामेश्वर गिरिजी महाराज से चर्चा की।उक्त वृहत् एतिहासिक आयोजन के संबंध में जानकारी में महंत एवं गादीपति,श्रृंगेश्वर धाम,रामेश्वर गिरिजी द्वारा बताया कि 108 कुंडीय अतिरूद्र महायज्ञ का आरम्भ कलश यात्रा से होगा। इसके पश्चात हेमाद्री सहित दशविधि स्नान एवं पंचांग कर्म किया जाएगा। ओर फिर देवताओं का आवाहन,गणेश पूजन,मंडप प्रवेश, होगा, इसके साथ ही अग्नि स्थापना की जाएगी साथ ही अभिषेक भी होगा।रात्रि में महामंडलेश्वर ईश्वरानंद उत्तम स्वामी का प्रवचन होगा।आयोजन की श्रृंखला में 9मई को महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी का प्रवचन होगा।महंतजी ने बताया कि गुरुवार 11 मई को माहीदेवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूर्वक सम्पन्न होगा। इसके पूर्व प्रतिमा का महान्यास,पुष्पाधिवास, फलाधिवास सहित विविध शास्त्रोक्त विधि विधान सम्पन्न कराया जाएगा।इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए यज्ञ समिति द्वारा व्यापक रूप से प्रबंध किए गए हैं।यज्ञ आयोजन समिति के प्रवक्ता एवं समिति में कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार राठौर एवं श्रृंगेश्वर धाम से जुड़े किशोर श्रीरंग आचार्य ने बताया कि यह आयोजन ऐतिहासिक,अभिनव एवं विराट होगा। आयोजन के लिए की जा रही तैयारियां अंतिम चरण में है।श्रृंगेश्वर धाम में आयोजित विराट यज्ञ में आहुतियां देने वाले 108 जोड़ों के बैठने के लिए विशाल यज्ञ मंडप बनाया है।संपूर्ण यज्ञ मंडप राजस्थान के कारीगरों द्वारा बांस की लकड़ियों से निर्मित किया गया है।यज्ञ को विद्वान वैदिक ब्राह्मणों द्वारा संपन्न कराया जाएगा।यज्ञ समारोह में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा नौका विहार की भी व्यवस्था की गई है।आयोजन में आने वाले श्रद्धालु माही परिक्रमा भी कर सकेंगे।जिले के पेटलावद जनपद क्षैत्र में पुण्य सलिला माही एवं मधुकन्या नदी के पवित्र संगम स्थल पर स्थित श्री श्रृंगेश्वर धाम का उल्लेख श्रीमदवाल्मीकिय रामायण में किया गया है। रामायण में आए उल्लेख के अनुसार श्रृगी ऋषि के सर पर सींग उग आए थे,जो कि विभिन्न तीर्थ स्थानों,सरोवरों में स्नान के बाद भी लुप्त नहीं हुआ था,किंतु इसी संगम स्थल में स्नान करने के बाद श्री श्रृंगीऋषि के सर से सींग लुप्त हुए थे।बाद में ऋषि ने इसी स्थान पर अपना आश्रम बनाकर तपस्या की थी।ऐसा कहा जाता है कि माही डेम निर्माण के कारण जो प्राचीन शिवालय डूब में आ चुका है,वह श्रृंगीऋषि द्वारा ही स्थापित किया गया था।बाद में इस स्थान से कुछ दूरी पर शिवालय निर्मित किया गया। यह स्थान श्रृंगेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है।

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