दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के खिलाफ एफआईआर का आदेश रद्द किया गया।


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

नई दिल्ली [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क] 

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के खिलाफ एफआईआर का आदेश रद्द किया गया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक विस्तृत आदेश में विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष एवं सीनियर एडवोकेट आलोक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निचली कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है, साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि अगर सभा में दिए भाषणों से हिन्दू मुसलमानों में कुछ वैमनस्य न हुआ हो तो भी एफआईआर वगैरह के आदेश से यह वैमनस्य फैलने की परिस्थितियां बन सकती है।न्यायालयों को अपने आदेश पारित करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए।विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल द्वारा आज शुक्रवार को जारी किए गए वक्तव्य में हाईकोर्ट के उक्त आदेश की जानकारी दी गई है।प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुए बंसल ने बताया कि जुलाई 2019 में पुरानी दिल्ली के लाल कुआँ में कुछ मुसलमान लड़को ने एक हिन्दू मंदिर को नुकसान पहुँचाते हुए भगवान की कुछ मूर्तियों को भी तोडा गया था।ऐसे में स्वाभाविक ही हिन्दुओं ने इसका विरोध किया और विश्व हिन्दू परिषद् ने इस विरोध का नेतृत्व किया था।बंसल ने बताया कि घटना के बाद सोनिया गाँधी के सहयोगी रहे हर्ष मंडेर ने दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखा था जिसमे दर्शाया गया था कि विश्व हिन्दू परिषद् की एक सभा में काशी से आये हुए एक सन्यासी ने भड़काऊ भाषण दिया है।मंडेर ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।इस पत्र में आलोक कुमार का नाम नहीं था,ओर पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद पाया कि सन्यासी के भाषण में आपत्तिजनक कुछ नहीं था,किंतु मंडेर ने फिर कोर्ट से दर्खास्त की कि वह पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे।इस दर्खास्त में उनके द्वारा आलोक कुमार का भी नाम जोड़ दिया गया था।हालाँकि मंडेर ने याचिका में न तो यह दर्शाया था कि आलोक कुमार ने उस सभा में कोई भाषण दिया था,या वह सभा में उपस्थित थे और न यह की उक्त सभा उन्होंने आयोजित करवाई थी।याचिका में केवल यह लिखा था कि आलोक कुमार विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष है।इतने पर ही मैजिस्ट्रेट ने यह आदेश दे दिया था कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।आलोक कुमार ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी,ओर पहली ही सुनवाई में कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगा दी है।विहिप नेता ने बताया कि इस मामले का निर्णय आज शुक्रवार 21 जुलाई 2023 को सुनाया गया है।दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आलोक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश को रद्द कर दिया है।बंसल के अनुसार हाई कोर्ट ने पाया कि याचिका में आलोक कुमार के खिलाफ कोई भी आरोप नहीं है।अगर मंडेर की याचिका में लिखी सारी बात को सच भी मान लिया जाये तो भी उनके खिलाफ कोई दोष नहीं बनता है। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर सभा में दिए भाषणों से हिन्दू मुसलमानों में कुछ वैमनस्य न हुआ हो तो भी एफआईआर वगैरह के आदेश से यह वैमनस्य फैलने की परिस्थितियां बन सकती है।न्यायालयों को अपने आदेश पारित करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए।बंसल द्वारा जारी किए गए वक्तव्य में उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का आज का यह निर्णय सोनिया गांधी के चाटुकार हर्ष मंडेर के साथ उन सभी हिंदू द्रोहियों व देश विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा है जो राष्ट्रवादी शक्तियों को अपनी कलुषित मानसिकता का शिकार बनाने के प्रयासों में सतत सक्रिय रहते हैं।

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