कर्नाटक सरकार की हिंदू द्रोही नीति के कारण न तो साधु सुरक्षित हैं,न ही भारतीय समाज- मिलिंद परांडे


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


नई दिल्ली [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]

कर्नाटक सरकार की हिंदू द्रोही नीति के कारण न तो साधु सुरक्षित हैं,न ही भारतीय समाज- मिलिंद परांडे 

कर्नाटक के बेलगावी के चिकोड़ी में बुधवार को दिगंबर जैन मुनि आचार्य काम कुमार नंदी महाराज की नृशंस हत्या ने सम्पूर्ण भारत के धार्मिक व अध्यात्मिक जगत को स्तब्ध कर दिया है।घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने आज एक प्रेस वक्तव्य के माध्यम से कहा कि विश्वभर को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले पूज्य जैन आचार्य का अपहरण और उसके बाद जिहादियोंं द्वारा उनके पावन शरीर के टुकड़े टुकड़े करना कहीं ना कहीं राज्य की कांग्रेस नीत सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का ही परिणाम प्रतीत होता है।मिलिंद परांडे का वक्तव्य आज रविवार को राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद,विनोद बंसल द्वारा जारी किया गया।बंसल द्वारा वक्तव्य की प्रति अरण्यपथ न्यूज को भी प्रेषित की गई,जिसमें हत्या की भर्त्सना की गई है।प्रेस वक्तव्य में परांडे ने कहा कि जैन मुनि गत 15 वर्षों से आनंद पर्वत पर प्रवास कर स्थानीय समाज की सेवा कर रहे थे।जब से नई सरकार के मंत्रियों ने कभी गौ हत्या विरोधी तो कभी धर्मांतरण विरोधी कानूनों को हटाने की बात की है,राज्य में धर्मद्रोही व राष्ट्र विरोधी शक्तियों के दुस्साहस बढ़े हैं।इन समाज कंटक अपराधियों पर अंकुश लगा कर हत्यारों व उनके सहयोगियों को अविलंब फांसी दी जाए।विहिप महामंत्री ने मानवता की प्रतिमूर्ति पूज्य जैन मुनि को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यह भी कहा कि सरकार की हिंदू द्रोही नीति के कारण राज्य में आज न तो साधु सुरक्षित हैं और न ही भारतीय समाज। यदि सुरक्षित हैं तो वो हैं इस्लामिक जिहादी व अतिवादी।परांडे ने मांग की कि घटना पर कांग्रेस सरकार को हिंदू जैन समाज से मांफी मांगते हुए अपनी हिंदू द्रोही मानसिकता से बाहर आना चाहिए।

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