दहेज की मांग को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले आरोपी को 1 वर्ष का कारावास


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)


जबलपुर/मध्यप्रदेश [अरण्यपथ न्यूज़ नेटवर्क]

दहेज की मांग को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले आरोपी को 1 वर्ष का कारावास व कुल 2000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया।

न्यायालय संजना मालवीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर के द्वारा आरोपी नितिन मारवे को थाना हनुमानताल के अप0 क्रं.345/2014 व अंतर्गत धारा 498-ए के आरोप में 1 वर्ष का साधारण कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड व धारा 323 भादवि के आरोप में 3 माह का कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया की शादी आरोपी नितिन मारवे के साथ घटना दिनांक से 1वर्ष पूर्व हुई थी।घटना दिनांक 16.6.2014 को 16ः00 बजे फरियादिया शाम को घर पर थी तब उसके पति नितिन ने उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित कर दहेज में कम सामान मिलने की बात पर से उसे मां-बहन की गालियां देते हुए डंडे से उसके दोनों पैरो व जांघ में डंडे से मारा तब जेठ विपिन मारवे ने बीच बचाव किया था।आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए घर से निकाल दिया तब उसके जेठ ने उसके मायके में उसके भाई व भाभी को घटना के बारे में बतायी तब उसके भाई भाभी आये जिनके साथ वह घटना की रिपोर्ट लिखाने थाना हनुमानताल गई थी।जहां पर घटना की रिपोर्ट लेख कर आरोपी के विरूद्ध अप.क्र.345/2014 अंतर्गत धारा 498-ए,294,323,506 भाग-2 भादवि तथा 3/4 दहेज प्रतिशेध का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।जिसकी विवेचना उप निरीक्षक आर.एस.शर्मा के द्वारा की गई।विवेचना के दौरान अनुसंधानकर्ता अधिकारी के द्वारा साक्षीगण के कथन उनके बताये अनुसार लेखबद्ध किये गये।उक्त के आधार पर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उप-संचालक(अभियोजन)विजय कुमार उईके व जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय कुमार जैन के मार्गदर्षन में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री वर्षा वैद्य द्वारा उक्त मामले में सशक्त पैरवी की गई।सुश्री वर्षा वैद्य सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुय।न्यायालय संजना मालवीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर के द्वारा आरोपी नितिन मारवे को थाना हनुमानताल के अप0 क्रं.345/2014 व अंतर्गत धारा 498-ए के आरोप में 1 वर्ष का साधारण कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड व धारा 323 भादवि के आरोप में 3 माह का कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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