नाबालिक के साथ गलत काम करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व जुर्माने से दण्डित किया।


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

नाबालिक के साथ गलत काम करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व जुर्माने से दण्डित किया।

जबलपुर/मध्यप्रदेश। न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट जबलपुर के द्वारा आरोपी देवराम विश्‍वकर्मा को थाना तिलवारा के अपराध क्रं.513/2020 व न्यायालय के विशेष प्रकरण क्रमांक(एस.सी.) 08/2021 अंतर्गत धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड,धारा 5 क्यू/6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड,धारा 5एल/6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड एवं धारा 5(j)(ii) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड से दंडित किया तथा उत्तरजीवी को 1 लाख रूपये प्रतिकर राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया।घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि 15 दिसंबर 2020 को शिल्पा कौरव उपनिरीक्षक थाना तिलवारा,जबलपुर में पदस्थ थी।उक्त दिनांक को मेडिकल कॉलेज जबलपुर से सूचना प्राप्त हुई कि नाबालिग बच्ची गर्भवती अवस्था में आयी है।उक्त सूचना पर मेडिकल कॉलेज,जबलपुर में जाकर,उत्तरजीवी से पूछताछ कर देहाती नालसी भादवि की धारा-376(2)(जे),376(2)(एन),376(3) एवं धारा 312 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम,2012 की धारा 3,4 के अधीन लेखबद्ध की गई।उत्तरजीवी ने बताया कि,देवराम विश्वकर्मा ने कहा कि,वह उससे प्यार करता है,दोस्ती करना चाहता है, उसके बाद वह और आरोपी आपस में बातचीत करने लगे।वह प्रतिदिन करीब पांच माह पहले से सुबह आई.टी.पार्क घूमने जाती थी। 26 अक्टूबर 2020 को सुबह 05ः30 बजे आई.टी.पार्क गई थी,वहां वह घूम रही थी,तभी अचानक देवराम उसे वहां मिला,तब वह उसके साथ थोड़ा आगे घूमने चली गई।फिर आगे देवराम ने जंगल में उसके साथ जबर्दस्ती बुरा काम किया,जब उसने मना किया तो वह नहीं माना। देवराम ने उसकी मर्जी के विरुद्ध उसके साथ जबर्दस्ती बुरा काम किया।फिर जब उसका महिना नहीं आया तो यह बात उसने उसको बताई तब आरोपी बोला कि,5 दिसंबर 2020 को सुबह पार्क में मिलना मैं दवाई दे दूंगा।जब वह 5 दिसंबर 2020 को आई.टी.पार्क पहुंची तो उसने फिर से उसके साथ जबर्दस्ती बुरा काम किया और दवाई देकर बोला कि,दवाई खा लेना।उसने आरोपी के बताये अनुसार दवाई खा ली जिससे उसकी तबियत और खराब हो गई।फिर वह अपनी मम्मी के साथ मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए आई,जहां उसका गर्भपात हुआ।तदोपरांत विवेचक द्वारा उत्तरजीवी एवं उसकी माँ के कथन लेखबद्ध किये गये तथा उत्तरजीवी का मुलाहिजा कराने हेतु उत्तरजीवी एवं उसकी मॉ से सहमति प्राप्त की गई।तत्पश्चात विवेचक द्वारा थाने में आकर आरोपी देवराम विश्वकर्मा के विरुद्ध अपराध कमांक 513/2020 अंतर्गत धारा 376(2)(जे),376(2)(एन),376(3),312 व 3 सहपठित धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम,2012 के अधीन रिपोर्ट लेखबद्ध कर,मामला विवेचना में लिया गया।विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विचारार्थ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती स्मृतिलता बरकडे द्वारा उक्त मामले में सशक्त पैरवी की गई।श्रीमती स्मृतिलता बरकडे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुये न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट जबलपुर के द्वारा आरोपी देवराम विश्‍वकर्मा को थाना तिलवारा के अपराध क्रं.513/2020 व न्यायालय के विशेष प्रकरण क्रमांक(एस.सी.) 08/2021 अंतर्गत धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड,धारा 5क्यू/6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड, धारा 5एल/6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड एवं धारा 5(j)(ii) में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रू अर्थदण्ड से दंडित किया।

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