भगवान श्री कृष्ण कि युक्ति से इंद्रसन के आधिन- इंद्र का घमंड किया चकनाचूर


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज (संपादक)

कानवन शंकर राठौर  की रिपोर्ट
स्थानिय सत्य वीर तेजाजी थाना पर आयोजित भागवत कथा पर  मे पूज्य गुरुदेव पं श्री बालकृष्ण शास्त्री के मुखारविंद से धर्माललुजनो श्रवण लाभ लिया इस अवसर अपने इंद्र के द्वारा अतिवृष्टि से घबराये जन को अपनी युक्ति से बचाकर इंद्र का घमंड चकना चूर किया । आपने बताया कि भगवान इंद्र ने समवर्तक को बुलाकर पृथ्वी पर भारी बारिश करने को कहा | वह घने काले बादल थे और उन्होंने पृथ्वी पर मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी | समवर्तक की भारी बूंदों के गिरने से ब्रज डूबने लगा और नदियों और झीलों में पानी भर गया | बिजली और तूफान ने निर्बल लोगों के दिल में भय पैदा कर दिया | तेज हवाओं ने वृक्षों को जड़ से उखाड़ दिया और घरों को नष्ट कर दिया |
सभी लोग भगवान कृष्ण के पास गए | उन्होंने कहा — “हे कृष्ण ! केवल आप ही हमारी रक्षा कर सकते हैं | यदि वर्षा इसी प्रकार जारी रही तो, हम सभी अपने मवेशियों और झुंडो के साथ मर जाएंगे |” भगवान कृष्ण जानते थे कि यह असामयिक तूफान लाकर भगवान इंद्र गलत कर रहे थे | उन्हें अपने लोगों की रक्षा करने और इंद्र के घमंड को नष्ट करने के लिए कुछ करना था |
उन्होंने अपनी सारी शक्ति अपनी छोटी उंगली पर केंद्रित कर दी और गोवर्धन पर्वत के पास गए | उन्होंने गोवर्धन पर्वत को ऊपर उठाया और अपनी छोटी उंगली पर रख दिया | हर कोई यह दृश्य देखकर हैरान था |साथ ही कंस वध, रुकमणि विवाह का प्रसंग सुनाया

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