शिक्षक सेवा निष्ठापूर्ण सराहनीय - वरधानी सेवानिवृत्त पर शिक्षिका की भावभीनी बिदाई


डॉ. उमेशचंद्र शर्मा (प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज ( संपादक )


 
आलोट निहारिका निगम की रिपोर्ट
शिक्षा का क्षैत्र हमेशा से ही सेवा कार्य का क्षैत्र रहा है, शिक्षक हमेशा स्वयं कष्ट सहन कर समाज को सही दिशा में ले जाने का कार्य करता है इसलिए शिक्षक के कार्य को सेवा मूल्यो में अंकित कर निष्ठापूर्ण सराहनीय कदम की संज्ञा से विभूषित किया जाता रहा है। यह उद्गार शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय नारायण स्कूल आलोट पर जिला परियोजना समन्वयक एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रतलाम अमर कुमार वरधानी द्वारा शिक्षिका पूष्पा शर्मा के सेवानिवृत्त के अवसर पर बिदाई बेला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रस्फूटित किये गये।
          इस अवसर पर कार्यरत वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती पुष्पा शर्मा का अभिनंदन कर भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह पंवार साहब और विशिष्ट अतिथि संकुल प्राचार्य फिरोज खान और बीआरसीसी प्रदीप बैस थे। सर्वप्रथम सभी अतिथियों ने मा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।  स्वागत भाषण प्रधानाध्यापक श्रीमती मीरा डामोर ने देते हुए श्रीमती पुष्पा शर्मा के कार्यकाल का उल्लेख किया। अतिथिगणो का स्वागत विद्यालय परिवार की और से शिक्षक राजेन्द्र कुमार जोशी, शिवकुमार निगम,अनूप राठौर, गणपतलाल सेठिया,घनश्याम भैसोटा, जितेन्द्र सिंह सोलंकी,जनशिक्षक प्रदीप गुप्ता, नारायणलाल पंवार, बीएसी लोकेश पोरवाल, हर्षल जागलवा, अन्तर सिंह चौहान, सलीम एहमद खान, संदीप शर्मा आदि ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन शिक्षक प्रचेता उपाध्याय ने किया। स
         भी अतिथियों ने श्रीमती पुष्पा शर्मा की निष्ठापूर्ण सराहनीय सेवाओं का नमन करते हुए बधाई शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर विद्यालय परिवार द्वारा सभी अतिथियों का भारतीय संस्कृति और परंपराओं का निर्वाह करते हुए स्वागत अभिनंदन किया। विद्यालय परिवार द्वारा श्रीमती पुष्पा शर्मा का अभिनंदन शाल श्रीफल अभिनंदन पत्र के साथ प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया गया। इस अवसर पर श्रीमती पुष्पा शर्मा के परिजन भी उपस्थित थे। कोरोना महामारी से बचाव के साथ रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेन्सिग नियमानुसार बैठक व्यवस्था की गई। समारोह स्थल पर सभी शिक्षाविदों का सेनिटाईजेशन के साथ मास्क अनिवार्य रूप से उपयोग किया गया। अन्त में सामूहिक सहयोग के साथ भावभीनी विदाई दी।  समारोह का संचालन काव्यात्मक अभिव्यक्ति के साथ शिक्षक जितेन्द्र सिंह सोलंकी ने किया और आभार जनशिक्षक नारायणलाल पंवार ने माना।

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