लोकमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर करें घोषित- जिला पत्रकार संघ ने की मांग


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)
खवासा/भामल सुनील सोलंकी की रिपोर्ट
भारत के विकास की परिकल्पना गांव से ही शुरु होती है और देश के विकास के अहम भूमिका गांव में बसे वह लोकमान्य पत्रकार की होती है जो बिना किसी मेहताने के ही अपना कस्बा, क्षेत्र,तहसील, जिला, प्रदेश व देश के विकास में अपना अहम योगदान देकर अपनी जान को जोखिम में डालकर चुनौतीपूर्ण पत्रकारिता करके अपनी कर्तव्य निष्ठा को पूर्ण करता है,उसे लोकमान्य पत्रकार कहा जाता है।जिन पत्रकारों पर अपने व क्षेत्र की अनियमित्ताओं को उजागर कर विकास के लिए आमजन की आवाज समाचारों का संकलन कर बनते हैं। लेकिन सरकार इन ग्रामीण उर्फ लोकमान्य पत्रकारों को पत्रकारिता की मुख्य भूमिका से सरकारी रिकॉर्ड में नहीं जोड़ा जाता है,जो लोकमान्य पत्रकारों के साथ सरकार के लिए चिंतनीय है।बरहाल मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिमान्य पत्रकारों को कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर उनके परिवार को 50 लाख रूपए सुरक्षा निधि के रूप में देने का निर्णय लिया है। जिसका जिला पत्रकार संघ झाबुआ जिलाध्यक्ष संजय भटेवरा के साथ पूरा संगठन आभार व्यक्त करता है। साथ ही जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष संजय भटेवरा ने पत्रकारों के हितों को देखते हुए सरकार से गैर मान्यता प्राप्त उर्फ लोकमान्य पत्रकार जो पत्रकारिता में अपनी अहम भूमिका निभाकर अपनी जान को जोखिम में डालकर कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते हैं,जिन्होंने कोविड के इस महामारी के दौर में भी जन हितेषी को मान्यता देकर अपनी जान को खतरे में डालकर समाचारों का संकलन कर रहे हैं, पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर सरकार एक नीति बनाकर घोषित किया जाए। वही संकट के इस दौर में भी घर-घर जाकर समाचार-पत्र पहुंचाने वाले हॉकर्स के लिए भी शासन योजना बनाकर राहत प्रदान करें की मांग जिला पत्रकार संघ ने सामुहीक रूप से की है।

रहें हर खबर से अपडेट अरण्यपथ न्यूज़ के साथ

ख़बर पर आपकी राय