लोक अदालत लंबित 1080 में 174 प्रकरण निराकृत भाई-बहन व पति पत्नी के बीच संपत्ति विवाद का न्यायालय द्वारा हुआ निराकरण


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

रतलाम~[जगदीश राठौर अरण्यपथ न्यूज़ ]~ नेशनल लोक अदालत में रतलाम जिले की जावरा कोर्ट में लंबित 1080 प्रकरण में से 174 मामले निराकृत हुए । कोर्ट में विभिन्न अपराध के 83 में से 5, चेक बाउंस के 165 में से 20, मोटर व्हीकल एक्ट के 306 में से 13, विद्युत बिलों के 136 में से 72, वैवाहिक मामले 11 में से 8, राजस्व के 6 प्रकरण का निराकरण हुआ .बिजली बिल के बकाया में रुपए 11.15, चेक बाउंस के 165 मामले में रुपए 11 लाख 50 हजार, क्लेम मामले में रुपए 74 लाख 50 हजार रुपए की वसूली हुई।कुल मिलाकर 1 करोड़ 28 लाख रुपए की रिकवरी हुई।नेशनल लोक अदालत में प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रुपेश शर्मा ने भाई बहन के बीच 10 वर्ष से लंबित संपत्ति के विवाद का निराकरण कराया । पत्नी रेखा भाई पति कमल चंद्रवंशीय निवासी ग्राम नाग पिपलिया पति कमल चंद्रवंशीय निवासी नाग पिपलिया दोनों की शादी करीब 4 वर्ष पूर्व हुई थी आपसे घरेलू विवाद के कारण शादी के कुछ समय पश्चात घरेलू विवाद होने के कारण अपने मायके चली गई थी।प्रकरण में व्यवहार न्यायधीश वर्ग एक खंड जावरा श्रीमती नमिता बोरासी द्वारा पति पत्नी को समझाइश दी गई जिससे दोनों साथ में रहने के लिए तैयार हो गए।पत्नी ममता पति सुनील निवासी ग्राम मान्याखेड़ी तहसील जावरा जिला रतलाम पति सुनील पिता बंसीलाल निवासी ग्राम मान्याखेड़ी का वर्ष 2012 से विवाह हुआ था।दोनों के दो पुत्रियां हैं । घरेलू कामकाज को लेकर विवाद हुआ जिसके पश्चात वर्ष 2019 में अलग हुए।प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो जावरा सुश्री चेतना दशोरा द्वारा समझाइश देने पर दोनों पक्ष के बीच राजीनामा हुआ।पत्नी रश्मि कुंवर पति बलवंत सिंह निवासी पत्रकार कॉलोनी जावरा हाल मुकाम ढोढर तहसील जावरा पति बलवंत सिंह पिता भगवान सिंह निवासी पत्रकार कॉलोनी जावरा जिला रतलाम दोनों का विवाह हिंदू रिती रिवाज के अनुसार हुआ था दोनों के संसर्ग से दो संतानों का जन्म हुआ एक पुत्री एवं 1 पुत्र।प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश जावरा के प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश मोहित कुमार द्वारा पति पत्नी को समझाइश दी गई जिसके फलस्वरूप दोनों के बीच आपसी समझौता हो गया करीब एक वर्ष से दोनों अलग-अलग रह रहे थे।नेशनल लोक अदालत में न्यायाधीश गणों ने पति पत्नी के अनेक मामलों में समझाइश देकर सुलहनामा कराया कोर्ट में ही पति एवं पत्नी ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर एक दूसरे के साथ जीवन निर्वाह करने का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।सुश्री चेतना दशोरा ने दोनों पति पत्नी द्वारा एक दूसरे को वरमाला पहनाने के पश्चात उन्हें पौधारोपण करने हेतु पौधे वितरित किए।

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