गर्मी से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव तथा रोगों से बचाव एवं उपचार हेतु एडवाइजरी


डॉ.उमेशचंद्र शर्मा(प्रधान संपादक)
निरंजन भारद्वाज(संपादक)

गर्मी से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव तथा रोगों से बचाव एवं उपचार हेतु एडवाइजरी

झाबुआ/मध्यप्रदेश। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशन में एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.एस.बघेल के मार्गदर्शन में अधिक तापमान और गर्म हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उपाय सुझाएँ गए है,ताकि गर्म हवा से होने वाली समस्या तथा जटिलताओं का समय पर पहचान एवं इलाज करते हुए रोगी तथा मृत्यु को कम किया जा सके।लू (Heat Stroke) लू लगना शरीर की वह अवस्था है जिसमे गर्मी के कारण शरीर का तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियय के पास पहुंच जाता है और मन में उलझन की स्थिति रहती है।यह स्थिति एकाएक आ सकती है या धीरे-धीरे हो सकती है।
लू के लक्षण
तेज बुखार के साथ मुंह का सुखना,चक्कर और उल्टी आना,कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना,शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना,सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना,अधिक प्यास लगना और पैशाब कम आना,भूख कम लगना,बेहोश होना। 
लू से बचान के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता है।अतःइससे बचाव के लिए इन बातो का ध्यान रखना चाहिये-पानी अधिक मात्रा में पीये,अधिक समय तक धूप में न रहें, बहुत अनिवार्य हो तो ही घर से बाहर जायें,बच्चे,बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति घर से बाहर कम निकले विशेषत दोपहर में 12 से 04 बजे के मध्य घर से बाहर ना जाएँ,धूप में निकलने से पहले सर एवं कानो को कपड़े से अच्छी तरह ढक ले,गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती हल्के ढीले-ढाले सूती वस्त्र पहनना तथा धूप में चश्मा,छाता,टोपी एवं जूता पहन कर घर से निकले,अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ०आर०एस० घोल,लस्सी,मटठा एवं फलों का रस पीये जिससे शरीर में मिनेरल्स की कमी न होने दे।गरिष्ठ एवं मसालेदार भोजन से बचे,चक्कर आने मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा गर्म हवाओ की स्थिति जानने के लिए रेडियो,टीवी पर मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त करते रहे,उल्टी,सिरदर्द तेज बुखार की स्थिति में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से परामर्श प्राप्त करें,यात्रा के समय पानी की बोतल औ.आर.एस.पेकेट साथ में रखना चाहिये।
लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार 
अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाये जैसे कच्चे आम का पना एवं जलजीरा आदि,पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवें,बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की प‌ट्टी लगायें,शरीर पर ठंडे पानी का छिडकाव करते रहे,पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदिकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले जायें,आशा/ए.एन.एम से ओआर.एस.के पैकेट हेतु संपर्क करें।लू लगने या दस्त लगने की स्थिति में औ०आर०एस०का घोल बनाये जिसमे साफ पानी के 5 गिलास के साथ 01 पैकेट औ०आर०एस का अच्छी तरह मिलाकर पिये।औ०आ०एस० पैकेट आशा कार्यकर्ताओ के माध्यम से प्राप्त किये जा सकते है।

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